फर्जी बीपीएल राशनकार्ड बनाने में संभाग में उज्जैन दूसरे नंबर पर, जांच में 10917 फर्जी मिले, खारिज किए

उज्जैन :- देवास में सबसे ज्यादा फर्जी राशनकार्ड मिले, शाजापुर में 3881 और आगर-मालवा में 242 राशनकार्ड फर्जी मिले

बनवाने में लेते हैं रिस्क

पात्र नहीं होने के बावजूद बीपीएल कार्ड बनवाने में लोग इसलिए रिस्क लेते हैं क्योंकि इसके जरिए वे शासन की कई योजनाओं का लाभ उठाने के हकदार हो जाते हैं। नि:शुल्क इलाज, आवास, खाद्यान, विवाह, पेंशन आदि कई तरह के लाभ वे ले सकते हैं। इस तरह वे वास्तविक गरीब लोगों का हक छीनते हैं।

किस जिले में कितने अपात्र कार्डधारी चिह्नित

जिला अपात्र बीपीएल अन्य

देवास 13425 191

उज्जैन 10917 3245

रतलाम 5885 1547

नीमच 3602 1201

शाजापुर 3881 1966

मंदसौर 1921 1403

आगर 242 38

कुल 39873 9591

अभी तक की जांच में उज्जैन जिले के 10917 बीपीएल राशनकार्ड फर्जी मिले, जो संभाग में दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा है। पहले नंबर पर देवास है। इन राशनकार्ड को खारिज कर दिया है।

संभाग में 39873 बीपीएल सहित 50 हजार अपात्र राशन कार्डधारियों को चिह्नित किया है। अपात्र कार्डों का यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है। फिलहाल अफसरों ने इनमें से 11 हजार से अधिक कार्डों को पोर्टल पर विलोपित कराकर खाद्यान का आवंटन रुकवा दिया है। हालांकि एफआईआर किसी पर भी दर्ज नहीं करवाई हैं। 22 मई को संभागायुक्त एमबी ओझा ने खाद्य सुरक्षा तथा गरीब तबके के लिए चलाई जा रही योजनाओं की समीक्षा करते हुए अधिनस्थों को निर्देश दिए थे कि जिन लोगों ने पात्र व जरूरतमंदों का हक मारते हुए गलत तरीके से बीपीएल तथा प्राथमिकता परिवारों की सूची में नाम जुड़वा लिए हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। संभागायुक्त द्वारा दी समयावधि सोमवार को समाप्त हो गई। लिहाजा अब संभागीय कार्यालय द्वारा सभी जिलों में इस संबंध में की कार्रवाई की रिपोर्ट तलब की जाने की तैयारी की जा रही है।

फर्जी कार्डों की सभी जिलों से तलब कर रहे जानकारी

* संभागायुक्त द्वारा दी गई समयावधि के सोमवार को सात दिन पूरे हो गए हैं। अब सभी जिलों से जानकारी तलब की जा रही है कि उन्होंने अपात्र कार्डधारियों के संबंध में क्या कार्रवाई की। – पवन जैन, उपायुक्त

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